
जय हो
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो
रत्ती रत्ती सच्ची मैंने जान गंवाई है
नच-नच कोयलों पे रात बिताई है
अंखियों की नींद मैंने फूंकों से उड़ा दी
गिन गिन तारे मैंने ऊंगली जलाई है
चख ले हां चख ले ये रात शहद है
चख ले रख ले
दिल है दिल आखरी हद है
रख ले काला काला काजल तेरा
कोई काला जादू है ना
कब से हां कब से जो लब पे रुकी है
कह दे कह दे हां कह दे
अब आंख झुकी है
ऐसी ऐसी रोशन आंखें
रोशन दोनों हीरे हैं क्या
जय हो
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो
No comments:
Post a Comment